शशांक सिंह थे जो 191 रनों की रनचेज में अपना सबकुछ झोंक बैठे थे, मगर फिर भी वह टीम को जीत नहीं दिला पाए। जैसे ही पंजाब किंग्स हारी तो वह मैदान पर ही टूट कर बिखर गए थे। पंजाब किंग्स की टीम को 18 साल में पहली आईपीएल ट्रॉफी जीतने का मौका मिला था, लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम के खिलाफ उन्हें आईपीएल 2025 के फाइनल मुकाबले में 6 रनों की करीबी हार का सामना करना पड़ा। पंजाब किंग्स की टीम को फाइनल मैच में 191 रनों का टारगेट मिला था, जिसके बाद उन्होंने 98 के स्कोर पर अपने 4 विकेट गंवा दिए थे। यहां से शशांक सिंह ने एक छोर से पारी को संभालने की कोशिश की और स्कोर को लगातार चलाने का प्रयास किया लेकिन दूसरे छोर से उन्हें उम्मीद के अनुसार साथ नहीं मिला, जिसके चलते वह फिफ्टी लगाने के बाद भी अपनी टीम को जीत दिलाने में कामयाब नहीं हो सके।
आईपीएल 2025 का सीजन शशांक सिंह के लिए बल्ले से काफी अच्छा रहा जिसमें उन्होंने पंजाब किंग्स के लिए फिनिशर की भूमिका को काफी बखूबी निभाया। फाइनल मुकाबले में भी जब वह बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे तो उनसे टीम को एक ऐसी पारी की उम्मीद थी जो जिससे ट्रॉफी जीतने में सफलता मिल सके। शशांक सिंह ने फिफ्टी तो लगाई लेकिन वह जीत नहीं दिला सके। शशांक ने अपनी पारी में 30 गेंदों का सामना किया और 61 रनों की पारी खेली जिसमें तीन चौके और 6 छक्के लगाने में कामयाबी हासिल की। शशांक इस फाइनल मैच में अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जो 50 रनों का आंकड़ा पार करने में कामयाब हो सके। शशांक सिंह इस मैच में जब पंजाब किंग्स को जीत दिलाने में सफल नहीं हो सके साफतौर पर इमोशनल दिखाई दिए।
शशांक सिंह आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स की टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में पांचवें नंबर पर रहे जिसमें उन्होंने 17 मैचों की 14 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 50 के बेहतरीन औसत के साथ कुल 350 रन बनाएं। शशांक का स्ट्राइक रेट जहां 153.50 का देखने को मिला तो वहीं उनके बल्ले से तीन अर्धशतकीय पारियां भी देखने को मिली। शशांक सिंह ने इस सीजन कुल 23 चौके और 18 छक्के भी लगाए।
अगर शशांक सिंह क्रिकेटर रिंकू सिंह वाला करिश्मा कर देते. वैसे भी एक ओवर में 29 रनों की दरकार थी. महज एक शॉट की ही तो बात थी. आरसीबी के साथ खिताबी मुकाबले में श्रेयस अय्यर की पंजाब किंग्स महज एक शॉट ही पीछे रह गई. अगर गलती से एक नो गेंद मिल जाता और शशांक सिंह सिक्स जड़ देते तो कहानी पूरी तरह से बदल जाती. पंजाब किंग्स जीत जाती. तब भी विराट कोहली फूट–फूटकर रोते. मगर वह गम के आंसू होते.